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श्री नानामहाराज आरती

आरती करो,नाना की करो

आरती करो,नाना की करो ।
गुरुवर की शांती सागर की ।
आरती करो नाना की ।।धृ ।।

ब्रम्हज्ञान का मुकुट बिराजे।
अनहद बाजे सदा ही बाजे ।
प्रभूमाया की लीला देख के ।
बिगडेना शांती मन की ।
आरती करो,नाना की करो ।
गुरुवर की शांती सागर की ।
आरती करो नाना की ।।१ ।।

चारो आश्रम निभानेवाले ।
नाना है जग के रखवाले ।
सकल चराचर पावन होवे ।
लीला है गुरुवर की ।
आरती करो,नाना की करो ।
गुरुवर की शांती सागर की ।
आरती करो नाना की ।। २ ।।

जय मार्तंड जय सद्गुरु नाना ।
जय पूर्ण ब्रम्ह जय पावन धामा ।
शरणागत के कष्ट मिटाओ ।
तुम्हारी कृपा सद्गुरु की ।
आरती करो,नाना की करो ।
गुरुवर की शांती सागर की ।
आरती करो नाना की ।। ३ ।।

nana maharaj aarati, aarati kro nana ki